Sunday, February 28, 2010

प्यारी माँ

सपनो में, खयालो में
किस्सों में, यादो में
देखा हैं तुमने मुझे
अपने हर उन लम्हों में

उन मुश्किल पलो से
निकल कर तुमने
उतारा है इस जहाँ में मुझे

खुदा का किया लाख लाख शुक्र
आँखे खोल कर जो देखा तुम्हे
उसने भेजा तुम्हारी गोद में मुझे
भेंट कर दिया, तुम्हारा ही एक हिस्सा तुम्हे

एक नन्ही सी जान को बनाया तुमने
एक नयी कहानी को जन्म दिया
तुम्हारे ही नैन नक्श है मुझमे
तुम्हारा ही तो दिल लिया

प्यार करना तुमने सिखाया
जीवन का अर्थ बताया
दुनिया में आने से पहले
सारा संसार तुमने दिखाया

परियों की कहानी सुनाई
राजा के किस्से बताये
खेल खेल में ही
दुनिया के सारे रंग दिखाए

अपने हाथो से खाना खिलाया
कितना प्यार किया
सारे घर में पकडम पकडाई हुई
एक निवाला जो मुह में ना गया

मेरे चोट लगने पर
मेरा खून निकलने पर
तुम्हारी आँखों ने जो बयान किया
वो शब्दों में तो उतर ना पाया
क्या होती है माँ
आज तक यह समझ ना आया

यह रिश्ता बड़ा अजीब है
पता नहीं कैसे बना 
इतना दुःख दिया मैंने तुझे
पर मेरी माँ
तूने सब सहा, और कुछ ना कहा

मेरी सबसे अच्छी दोस्त बनी 
मेरा मार्गदर्शन हो
हर डगर में सहारा हो तुम
मेरा अनूठा हिस्सा हो

माँ, कभी उदास ना होना
तेरी बेटी तेरे साथ है
रोना नहीं मेरी विदाई में भी
यह डोर बहुत मजबूत है

घड़ी दो घड़ी की बात नहीं यह
जीवन भर का साथ है यह
माँ, तुम हो तो सब कुछ है
नहीं तो जीवन क्या, व्यर्थ है यह






All Rights Reserved: Nidhi Jain (27/02/2010)

Any reproduction of the above material in any form without the prior written permission of the author would be treated as a criminal offense and a serious copyright infringement. 

4 comments:

  1. i must say that u r a pure soul... this poem tells what u r... luvd it... :-)

    ReplyDelete
  2. Sachche Hriday ki sachchi bhawnayen vyakt karti huyee rachna hai....Keep on expressing true feelings in such wonderful words.....

    ReplyDelete